Bad Sad Coldness
कुछ कहानियाँ हम देखते हैं। कुछ को महसूस करते हैं और कुछ हम जीते हैं। ये ऐसा ही है, जैसा हम अपनी सोच से समझना चाहतें हैं। कभी मैं जो कहानी सोचता हूँ। लिखते समय खुश भी होता हूँ और कभी दिल को छू जाने पर रो भी लेता हूँ। शायद मैं उसे जीता हूँ। इसे मैं अपनी नज़रों से भले न देखूं , न ही किसी और से सुनूं। ये बस मेरी feeling है। जो कहीं न कहीं किसी व्यक्ति के जीवन से जुड़ जाती है। बात करतें है उस लड़की की जो नूज़ीलैण्ड के क्राइस्टचर्च शहर में रहती थी। आज हम एक सर्च गूगल पर करते हैं तो पूरा देश हमारे सामने आ जाता है। हम सारा देश देखना और घूमना चाहतें हैं। खुल कर घूमना चाहतें हैं पर अगर आप के पास कोई घर न हो पैसे न हों सर्दियों के मौसम में ओढ़ने के लिए बस एक चादर हो। आप क्या महसूस करेंगे। मैं आप को डरा नहीं रहा बस इतना बता रहा हूँ। ये उस लड़की की परिस्थिति है जो सिर्फ 10 साल की है। उस लड़की को दुनियाँ नहीं घूमना बस उसे एक छोटी सी जगह की तलाश है जहाँ वो जी सके। सोफी, यही उसका नाम था। सोफी चादर ओढ़ कर सड़क पर चल रही थी। क्या हुआ था, उसकी जिंदगी में। उसे किसी ने अनाथ आश्रम में छोड़ दिया था