Khub Uri aate ki chiriya.
हमारी जिन्दगी में कुछ कहे जाने वाले पल तो कुछ समेट कर दिल में सजाने वाले पल होते है। ये दुःख भी देते हैं और खुशी भी। मेरी कहानी आज मुझ पर ही है। 2004 में जब मैं 10 साल का नादान बच्चा था। जिसे कुछ समझ नहीं आता था। हाँ, शक्तिमान और कार्टून्स के लिए दिमाग तेज था। एक रोज मेरी अम्मी सुबह के नाश्ते के लिए आटा सान रहीं थीं। मैंने आटे का छोटा टुकड़ा अम्मी से माँगा उन्होंने पूछा इसका क्या करोगे। मैंने कहा चिड़िया बनाऊंगा आटे की और रोटी की जगह ये खाऊंगा। अम्मी ने आटा दे दिया। मैंने आटे की गोल लोई बनायी। फिर आटे से मैंने चोंच निकाली और फिर पूँछ। चिड़िया बनाना था बन गया कुत्ता। मैं उसे लेकर दूसरे फ्लोर पर चला गया। जहाँ मेरी बड़ी अम्मी रहती है उनको हम अम्मा कहते है। उन्ही की सीड़ी पर मैं बैठ गया और लोई से बने कुत्ते को दिवार पर चिपकाने लगा। आटा सूख जाने की वजह से वो चपक नहीं रहा था। मैंने आटे को दिवार पर चिपकाया और 5-6 मुक्का मार कर मैंने उसे परमानेंट दिवार पर टैग कर दिया। जिससे आटा तो चपक गया पर कुत्ते की आकृति बदल गयी। आटे से बने कुत्ते का पेट और मुँह मोटा हो गया। जिससे अब वो प