
आज मैं उन चीजों पर लिखने वाला हूँ। जो हमारे मन में होता है और कभी कभी लोगो में भी दिखाई देता है। मुझे कभी कदार ऐसे व्यक्ति मिल ही जाते हैं। जिनके विचार ऐसे होते हैं की वो कहते हैं - "उस आदमी में ये गुण बचपन से ही था " अरे ये तो उसके खून में है। डॉक्टर का लड़का है, डॉक्टर ही बनेगा। कम्पाउंडर थोड़े ही। मेरे विचार भी कई साल तक ऐसे ही थें। फिर मैंने अपने विचारों को परखा की क्या ऐसा वाकयी है? जवाब मिला की, ऐसा बिलकुल नहीं है। बस उस व्यक्ति की सविधाएँ बढ़ जातीं है। अब उसके सम्भावनाओ पर निर्भर करता है की वो अपनी सुविधाओं को किस तरह उपयोग में लाता है। ये बात मैं साफ़ कर देना चाहता हूँ की किसी इंसान को दी गयी सुविधाएँ, सही-गलत नहीं होती। उसे व्यक्ति किस काम में और किस तरह उपयोग में लाता है। ये चीज सही और गलत का फैसला करती हैं और उस व्यक्ति को क्या बना रही होती हैं। एक छोटा लड़का जिसे ये पता नहीं की वो आगे क्या बनेगा उसके टीचर और परिवार वाले उसकी रूचि देख कर समझते हैं और उसक...