आज मैं उन चीजों पर लिखने वाला हूँ। जो हमारे मन में होता है और  कभी कभी लोगो में भी दिखाई देता है।

मुझे कभी कदार ऐसे व्यक्ति मिल ही जाते हैं। जिनके विचार ऐसे होते हैं की वो कहते हैं -

      "उस आदमी में ये गुण बचपन से ही था " 
  • अरे ये तो उसके खून में है। 
  • डॉक्टर का लड़का है, डॉक्टर ही बनेगा। कम्पाउंडर थोड़े ही। 
मेरे विचार भी कई साल तक ऐसे ही थें। फिर मैंने अपने विचारों को परखा की 
क्या ऐसा वाकयी है? जवाब मिला की, ऐसा बिलकुल नहीं है। 

बस उस व्यक्ति की सविधाएँ बढ़ जातीं है। अब उसके सम्भावनाओ पर निर्भर करता है की वो अपनी सुविधाओं को किस तरह उपयोग में लाता है। 

ये बात मैं साफ़ कर देना चाहता हूँ की किसी इंसान को दी गयी सुविधाएँ, सही-गलत नहीं होती। उसे व्यक्ति किस काम में और किस तरह उपयोग में लाता है। ये चीज सही और गलत का फैसला करती हैं और उस व्यक्ति को क्या बना रही होती हैं। 

एक छोटा लड़का जिसे ये पता नहीं की वो आगे क्या बनेगा उसके टीचर और परिवार वाले उसकी रूचि देख कर समझते हैं और उसके भविष्य का आंकलन करते हैं। 

मान लेते हैं की इस वक्त उसे उसके परिवार वाले एक ARTIST के रूप में देख रहे हैं। लड़का भी इन्ही सम्भावनाओ से घिरा हुआ है लेकिन सिर्फ संभावनाएं ही काफी हैं ? ऐसा तो बिलकुल नहीं है। 
पहले उसे अपने अंदर उन चीजों को मजबूत बनाना होगा जो उसे दुनियाँ से जोड़े रखे। उसे अपनी SKILLS को बेहतर करना होगा। 

हम अलग अलग CLASS में इस लिए जातें हैं। क्योंकि दुनिया के बीते और हो रहे परिवर्तन को जान सकें, सीख सकें।

 वो लड़का लोगों से ताल मेल बनाने के लिए अपनी भाषा को सुधारता है और दुनिया के किसी भी व्यक्ति से सम्पर्क में आना हुआ तो, वो ऐसी भाषा का चयन करेगा की अगले को उससे बात करने में कोई परेशानी न हो।

ENGLISH को आज उसी नजरिये से लोग देखने लगे है। 

लेकिन लोगों की ये धारणा बन गयी है की ये आती हो तो मैं दूसरे व्यक्ति के नजर में  एक बेहतर और परफेक्ट इंसान हो जाता हूँ। भले ही इसके अलावा मुझे कुछ न आता हो। 

दूसरी तरफ अगला साइंटिस्ट भी हो तो ENGLISH ना आने की वजह से लोग उसे आम आदमी के श्रेणी में ही रखेंगे। 
मैं अपने दोस्त से हमेशा हिंदी में बात करता हूँ। लेकिन कभी ENGLISH में बात करना हुआ तो वो कहने लगतें है। की तुम्हारी ENGLISH कमजोर है क्या ?जो ENGLISH में बात करने लगे हो। मैं फनी जवाब देता हूँ की हाँ, कुछ दिनों से उसे खाना जो नहीं दिया है।

ये मैं मानता हूँ। आप सब भी मानते होंगे की किसी भी चीज को बेहतर बनाने के लिए उसका अभ्यास करना बहुत जरुरी है।

भले ही आप को ENGLISH की ढेरों Meaning याद हों। Sentence बनाना भी आता हो। लेकिन Fluent English बोलने के लिए Communication बहुत जरुरी है। जो की अपनों से या दोस्तों से करना जरुरी है। जो इन सब से अनजान है वो ये कहता है की "देखो साले को ENGLISH का रौब झाड़ रहा है।" पर ENGLISH बोलने वाला अपनी SKILL को Develop कर रहा होता है।

ये सारी चीजें धरी की धरी रह जायेंगी अगर आप अपनी किसी भी संभावनाओं को मांजेगे नहीं। संभावनाओं को मांजने से मतलब है की किसी चीज के लिए पागल की तरह पीछे पड़ जाना।

"ये चीज चाहिए तो चाहिए " लेकिन मान के चलो चाहिए तो खुद की मेहनत से। किसी और से नहीं, दुसरो पर जोर डालने से उसका विशवास आप पर से उठने लगेगा।

जो आप के मन को दुःख ही देगा वैसे भी मैं आप के व्यक्तित्व को निखारने की बात कर रहा हूँ। इसे खुद से ही निखारना पड़ता है।

3 दिन पहले मैंने एक फोटोग्राफर का आर्टिकल पढ़ा था। उसमे लिखा था। मैंने एक टूटते तारे की फोटो ली और उसे Social Media पर Share कर दिया। लोगों ने ढेरों Likes और comments किए। कुछ लोगों ने ये लिखा की "तुम बड़े प्रतिभाशाली हो यार।"

ये सुन कर उन्हें अच्छा लगा फिर सोचा क्या प्रतिभावान होना ही काफी था इस फोटो को खींचने में।

उन्होंने उस पल को याद किया जब वो टूटते तारे की फोटो ले रहे थे।

उन्होंने करीब तीन प्रयासों में 1500 से ज्यादा तस्वीरें इक्कठी की थीं। उनकी ये वाली तस्वीर उन 752 तस्वीरों में से सिर्फ एक थी। जो उनहोंने उस रात ली थी। बाकी 781 कैसी थीं। सिर्फ मामूली।

उनमें से कई तो काली या धुंधली हो गयी थीं और भी दिकक्तों का सामना करना पड़ा उन्हें।
वो  जहाँ से फोटो ले रहे थें। वो जगह बहुत ठंडी थी।
हाथों के दस्ताने भूल जाने की वजह से उनके हाथ सुन पड़ गयें और आधी रात को 15 घण्टों की नींद कुरबान करनी पड़ी। उस फोटो को खींचने के लिए।

लोगों ने तब ये कहा की वो प्रतिभाशाली फोटोग्राफर हैं।

मैं जहाँ तक मानता हूँ। उनकी प्रतिभा वहीं तक थी। जब उन्होंने टूटते तारे की फोटो लेने का विचार किया। आगे की मेहनत उन्होंने एक आम आदमी की तरह ही किया।

बस उनको ये ललक थी ये फोटो चाहिए तो चाहिए। सब व्यक्ति में ऐसी चीज होती है। पर वो मेहनत नहीं कर पातें या डर जातें हैं।

15 घण्टों की नींद कुरबान करना आम बात तो नहीं लेकिन हमारी जान पर बन जाने पर हम सभी रातों तक जाग लेते हैं। नींद ही नहीं आती।

वजह क्या है ?

बिलकुल छोटी सी बात है, हम जिस चीज को जितना ज्यादा चाहेंगे उस चीज को बेहतर बनाने के लिए हमें कोई नहीं रोक सकता।

आप कुछ भी शुरू करें, सबसे पहले उसे अपना दोस्त बनायें और उसे पूरा प्यार दें। वो चीज ज़िन्दगी का हिस्सा बन जाएगी। अब आप उसके लिए कहीं पर भी जा सकतें हैं, रातों तक जाग सकतें हैं, पथरीले पहाड़ो पर चढ़ सकतें हैं।

फिर अगर कोई आप को प्रतिभावान बोलता है तो अपनी पिछली ज़िन्दगी पर एक छोटा सा आर्टिकल जरूर लिखें। 

















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